लेखनी कहानी -19-Nov-2021 धोखे से बचना
धोखे से बचना ।
मासूम कहकर, किसकी खिल्ली उड़ाते हो।
हकीकत की जमीन पर ,पाँव रखकर तो देखो।
खोखले है दिल सब के ,चेहरे पर झूठी मुस्कान है।
मासूम दिखने वाले चेहरे का ,षडयंत्रित अंतर्मन को देखो तो।
कुटिलता से भरा ह्रदय, धोखा जिसकी नजर में।
बातों से ही बिंध दे ,ऐसे अपने भ्रमित तेज तीरों से।
होश में आने का भी मौका ना दें ,मदहोश तुमको कर देगा।
एक बार उसकी नशीली बातों के, नशे से बचकर देखों तो।
नेता हो या अभिनेता या हो कहने को साधारण मनुष्य।
मासूमियत के झूठे मुखोटे, सब ने पहन रखे हैं।
कहते कुछ हैं ,करते कुछ है ,आगे कुछ हैं ,पीछे कुछ हैं।
एक बार जरा उनकी ,असलियत का नजरिया झाँककर देखो तो।
भूल जाओगे मासूमियत की परिभाषा क्या है।
अटल विश्वास किसी पर कर ना पाओगे।
लेकिन हम भी तो ऐसे ही हैं, जानबूझकर धोखा खाते हैं।
जीवन की ये कड़वी सच्चाई ,अपने मन की मान के देखो तो।
Swati chourasia
19-Nov-2021 06:56 PM
Very nice 👌
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Seema Priyadarshini sahay
19-Nov-2021 04:29 PM
बहुत खूबसूरत
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Fiza Tanvi
19-Nov-2021 12:55 PM
Good
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